Thursday 10 November 2011

तेरा आना....

तेरा आना,जैसे हवा में सरगोशी का आलम,
तेरा मिलना,जैसे रूह में मदहोशी का आलम.
तू समां गया एस कदर मेरे जेहन में,
तेरे बाद कुछ ना रहा एस दिल में.

तू है तो दुनिया कितनी हसीन है,
तू है तो हर गम जह-ए-नसीब है.
तेरा ख्याल मेरे मन के तारो में झंक्रीत है,
तेरा शबाब सारे मय-खाने को मदहोश कर देता है.

तू बस जा एस कदर मेरे रूह में,
चाहूं भी तो रह ना सकूं तुझ-से दूर मै.

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