Saturday 19 November 2011

दिल-ए-नादां बता तुझे हुआ क्या है..

दिल-ए-नादां ये बता तुझे हुआ क्या है,
खोया-खोया सा रहता है, बता तेरी दवा क्या है।
ना दिन में चैन है, ना आंखों में नींद हैं,
उनींदा सा रहता है हर पल, ये रोग तुझे लगा क्या है।।

ना भूख का पता, ना प्यास की तुझे खबर है,
दुनिया से तू अनजाना है, हर गम से तू बेगाना है।
हर पल तुझे बस महबूब की लगन है,
हर बात में तेरे उसकी ही शाई है।

क्या ये प्यार तो नहीं जो तुझको हुआ है,
क्या ये वो खुमार तो नहीं जो तुझपे चढ़ा है।
दुनिया की बातों से तू बेखबर है,
अपनी मस्ती में डूबा, बस खुद में मगन है।

चला है अपनी धुन में, तुझे नहीं खबर है,
बेदर्द है ये दुनिया, यहां हसरतों का नहीं, हसरतों के दफन का चलन है।

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