Sunday 4 December 2011

'क्यूं कर गुजर रहे हैं मेरी जिंदगी के दिन, तेरे बिन'

क्यूं कर गुजर रहे हैं मेरी जिंदगी के दिन, तेरे बिन.
तू रु-ब-रु हो तो तुझे बताऊं।
क्यूं आह दिल में दबी-दबी, ये मुश्किलों के दिन,
तू समझ सके तो तुझे समझाऊं।।

वो तेरा आना जिंदगी की रोशनी थी,
वो तेरा जाना तन्हाईयों का आगाज था।
तेरे बिन कटता नही एक पल मेरा,
तेरे बिना सजता नहीं यौवन मेरा।।

तू आ जा कि ये दिल बे-करार है,
तू आ जा कि दिल को नहीं करार है।
क्यूं सांस है घुटी-घुटी मेरी, हसरतों के बिन,
तू पास आए तो तुझे सुनाऊं।।

क्यूं मयकदों के जाम है खाली, तेरी मयकशीं के बिन,
तू कोशिश तो कर, हाल-ए-दिल तुझे कैसे मैं समझाऊं।।

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